22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयावह आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे, और 17 लोग घायल हुए। इस हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” ने ली है। भारतीय एजेंसियों ने दो आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में की है, जिनमें से एक पूर्व पाकिस्तानी अर्धसैनिक बल का सदस्य बताया गया है।
भारत की प्रतिक्रिया:
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भारत सरकार ने आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए 60 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
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एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) इस मामले की जांच कर रही है और डिजिटल सबूतों के आधार पर पता चला है कि आतंकियों का संबंध मुज़फ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से है।
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1500 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, और कई संदिग्ध आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया है।
भारत-पाक तनाव:
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भारत ने पाकिस्तान के साथ पानी साझा करने की संधि को निलंबित कर दिया है, पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय वायु क्षेत्र बंद कर दिया है और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है।
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पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और भारतीय नागरिकों को वीज़ा देना बंद कर दिया है।
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एलओसी पर दोनों देशों के बीच गोलीबारी की खबरें आ रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
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अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान दोनों से तनाव कम करने की अपील की है।
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दोनों देशों से संपर्क कर संयम बरतने की सलाह दी है।
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भारत ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकियों को न्याय दिलाने में सहयोग की अपेक्षा जताई है।
देश के भीतर माहौल:
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देश में भारी जनाक्रोश है और कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं।
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा बलों को “पूर्ण अभियानिक स्वतंत्रता” दे दी है।
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हालांकि, कुछ जगहों पर कश्मीरी मुसलमानों के खिलाफ नफरत और हमले की घटनाएं भी सामने आई हैं, जो चिंता का विषय हैं।